उस परिवार में दो-तीन घंटे बैठा रहा। अत्यन्त शालीन, सुसंस्कृत लोग। बेहद आत्मीय। जब चलने के लिए इजाज... उस परिवार में दो-तीन घंटे बैठा रहा। अत्यन्त शालीन, सुसंस्कृत लोग। बेहद आत्मीय।...
तो दोस्तों आपने कैसे बताएं थे,यह लम्हे जिंदगी के ? तो दोस्तों आपने कैसे बताएं थे,यह लम्हे जिंदगी के ?
। हर औरत को अपने शौक पूरे करने की आजादी होनी चाहिए ।और एक दूसरे का हमेशा साथ देना चाहिए । हर औरत को अपने शौक पूरे करने की आजादी होनी चाहिए ।और एक दूसरे का हमेशा साथ देन...
मेरी बहू नौकरी नहीं करती है तो क्या हुआ? वैसे तो बहुत ही सुशील, संस्कारी तथा होशियार है मेरी बहू नौकरी नहीं करती है तो क्या हुआ? वैसे तो बहुत ही सुशील, संस्कारी तथा होश...
यह सुनते ही नेहा की आंखें छलछला उठी। यह देख संजय ने उसे गले से लगा लिया। यह सुनते ही नेहा की आंखें छलछला उठी। यह देख संजय ने उसे गले से लगा लिया।
भगवान् के घर देर है अंधेर नहीं है भगवान् के घर देर है अंधेर नहीं है